"물질이나 피조물한테서 벗어나 하느님을 섬기는 것이 바로 우리의 참 삶이고 그것이 진정한 자유입니다." (회헌해설 192쪽)
"물질이나 피조물한테서 벗어나 하느님을 섬기는 것이 바로 우리의 참 삶이고 그것이 진정한 자유입니다." (회헌해설 192쪽)
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